IAF को मिलेगा 97 नए Tejas Mark-1A Fighter Jets का ₹66,500 करोड़ का सौदा

Tejas Mark-1A Fighter Jets Deal HAL IAF

भारतीय वायुसेना (IAF) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच 97 Tejas Mark-1A Fighter Jets के लिए ₹66,500 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट साइन होने जा रहा है। यह डील ऐसे समय में हो रही है जब IAF पुराने MiG-21 विमानों को रिटायर कर रही है और स्क्वाड्रन की संख्या अपने ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर – 29 स्क्वाड्रन पर आने वाली है।


🚀 Tejas Mark-1A Deal: अब तक का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट

  • यह सौदा ₹66,500 करोड़ का है।
  • इसमें IAF को कुल 97 नए Tejas Mk-1A Fighter Jets मिलेंगे।
  • इससे पहले 2021 में 83 Tejas Mk-1A का ₹46,898 करोड़ का सौदा हुआ था।

लेकिन खास बात यह है कि अब तक IAF को उस डील के तहत पहला विमान भी नहीं मिला है।


✈️ IAF की चुनौतियाँ और Fighter Jet Gap

  • IAF के पास इस समय केवल 29 स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत कम से कम 42.5 स्क्वाड्रन की है।
  • पाकिस्तान के पास 25 स्क्वाड्रन हैं और जल्द ही उसे 40 नए J-35A Chinese stealth jets मिलने वाले हैं।
  • चीन तो पहले से ही चार गुना बड़ी वायुसेना रखता है।

IAF का मानना है कि उसे हर साल कम से कम 40 नए Fighter Jets इंडक्शन करने होंगे ताकि Combat Readiness बनी रहे।


🔧 HAL और Delivery Timeline

  • 83 Tejas Mk-1A की डिलीवरी Feb 2024 से Feb 2028 के बीच होनी थी।
  • HAL का दावा है कि वह अक्टूबर 2025 तक पहले 2 Tejas Jets डिलीवर कर देगा।
  • Nashik में तीसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू हो चुकी है, जिससे सालाना उत्पादन क्षमता 24-30 Jets तक बढ़ाने का वादा किया गया है।

🔥 Weapons Trials और Certification

IAF ने साफ कहा है कि वह पहला Fighter Jet तभी लेगी जब:

  • Astra Beyond Visual Range Missiles की ट्रायल सफल होंगे।
  • Israeli-origin ELM-2052 radar और fire control system पूरी तरह इंटीग्रेट हो जाएगा।
  • Laser-guided bombs और Short Range Missiles का Certification पूरा होगा।

वरना IAF डिलीवरी स्वीकार नहीं करेगी, भले ही HAL तैयार क्यों न हो।


⚡ GE Engines Supply

  • HAL ने 83 Jets के लिए GE से 99 F-404 Engines का ऑर्डर ₹5,375 करोड़ में दिया है।
  • अब तक केवल 3 Engines मिले हैं, लेकिन साल के अंत तक और 7 मिलने की उम्मीद है।
  • नए 97 Jets के लिए GE से 113 Engines का $1 बिलियन का नया कॉन्ट्रैक्ट होगा।

🛡️ क्यों है यह सौदा अहम?

  • MiG-21 रिटायर होने से IAF की ताकत कमजोर होगी।
  • Tejas Mk-1A से Atmanirbhar Bharat के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को बूस्ट मिलेगा।
  • लंबे समय में यह डील IAF को एक Modern, Combat-Ready Air Fleet बनाने में मदद करेगी।

✅ निष्कर्ष

IAF और HAL के बीच यह डील सिर्फ Fighter Jets खरीदने का सौदा नहीं है, बल्कि यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता, तकनीकी मजबूती और सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है।
अब असली चुनौती HAL के लिए होगी – समय पर Jets डिलीवर करने की, क्योंकि IAF अब और देरी बर्दाश्त नहीं कर सकती।


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